
व्योमिका सिंह कौन हैं?
विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जो कि भारतीय वायुसेना की एक कुशल हेलिकॉप्टर पायलट हैं, जिनके पास चेतक और चीता हेलिकॉप्टरों पर 2,500 से अधिक उड़ान घंटों का अनुभव है, ने 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया। उन्होंने 2017 में विंग कमांडर के पद तक पहुंचकर अपने करियर में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया। 18 दिसंबर 2019 को उन्हें स्थायी कमीशन मिला, जो महिलाओं के लिए सशस्त्र बलों में लंबे समय तक सेवा का अवसर खोलने वाला ऐतिहासिक कदम था।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह, विशेष रूप से अपनी बहु-भूमिका क्षमताओं के लिए जानी जाती हैं, और उनकी पेशेवर यात्रा को देखकर लगता है कि व्योमिका सिंह का नाम हमेशा भारतीय वायुसेना के इतिहास में लिया जाएगा।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह की उपलब्धियों ने उन्हें न केवल एक पायलट के रूप में बल्कि एक प्रेरणादायक नेता के रूप में भी स्थापित किया है।
इससे स्पष्ट है कि विंग कमांडर व्योमिका सिंह का प्रभाव भारतीय वायुसेना पर गहरा पड़ा है।
उनकी यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने न केवल अपने क्षेत्र में अपार सफलता अर्जित की है, बल्कि उन्होंने अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल भी कायम की है।
इस प्रकार, विंग कमांडर व्योमिका सिंह का नाम हमेशा याद रखा जाएगा।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह के कार्यों ने न केवल भारतीय वायुसेना, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र को गर्व महसूस कराया है।
लखनऊ की रहने वाली व्योमिका, जिनका नाम “आकाश की बेटी” है, उनकी नियति को दर्शाता है। व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मिलकर भारत की सैन्य ताकत और संयम को दुनिया के सामने रखा। यह पहली बार था जब दो महिला अधिकारियों ने किसी बड़े सैन्य ऑपरेशन की ब्रीफिंग का नेतृत्व किया, जिसने नारी शक्ति को वैश्विक मंच पर स्थापित किया।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कई युवा महिलाओं को प्रेरित किया है कि वे अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं।
इस ऐतिहासिक क्षण में विंग कमांडर व्योमिका सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण थी, जिन्होंने अपनी पेशेवर योग्यता और आत्मविश्वास से सभी को प्रभावित किया।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह का प्रभाव उनके क्षेत्र में महिलाओं के लिए एक नई आशा लेकर आया है।
वायुसेना में व्योमिका सिंह की उपलब्धियां एक प्रेरक कहानी बन गई हैं।
जो युवा महिलाएं पायलट बनने का सपना देखती हैं, उनके लिए विंग कमांडर व्योमिका सिंह एक आदर्श हैं।
इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि विंग कमांडर व्योमिका सिंह का संघर्ष हर युवा महिला को प्रेरित करता है।
उनकी उपलब्धियों ने उन्हें ‘विंग कमांडर व्योमिका सिंह’ के नाम से एक प्रेरणाश्रोत बना दिया है।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह का प्रभाव
विंग कमांडर व्योमिका सिंह का योगदान भारतीय वायुसेना में उल्लेखनीय है।
Wing Commander Vyomika Singh: A Trailblazer in Aviation
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण मिशनों का नेतृत्व किया है, जो उनकी नेतृत्व क्षमता और निस्वार्थ सेवा का प्रमाण हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
व्योमिका सिंह की कहानी एक साधारण शुरुआत से शुरू होती है, लेकिन उनकी असाधारण महत्वाकांक्षा ने उन्हें आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। लखनऊ में पली-बढ़ी व्योमिका ने बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखा। एक स्कूली कक्षा में जब उनके नाम “व्योमिका” (जिसका अर्थ है आकाश) पर चर्चा हुई, तो एक सहपाठी ने मजाक में कहा, “तुम तो आकाश की मालकिन हो!” यह बात उनके दिल में घर कर गई और उन्होंने उसी पल ठान लिया कि वे आकाश को अपना बनाएंगी।
व्योमिका ने इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की, जो उनकी तकनीकी समझ को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित हुई। स्कूल के दिनों में उन्होंने नेशनल कैडेट कोर (NCC) में हिस्सा लिया, जिसने उनके भीतर सैन्य अनुशासन और नेतृत्व के गुणों को निखारा। उनके परिवार में कोई भी सशस्त्र बलों से नहीं था, जिसके कारण वे अपनी पीढ़ी की पहली सैन्य अधिकारी बनीं।
उन्होंने यूपीएससी के माध्यम से शॉर्ट सर्विस कमीशन के लिए आवेदन किया और कठिन चयन प्रक्रिया को पार करते हुए 2004 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं। उनकी यह यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने के लिए बाधाओं को पार करना चाहते हैं।

भारतीय वायुसेना में योगदान
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भारतीय वायुसेना में एक हेलिकॉप्टर पायलट के रूप में कई चुनौतीपूर्ण मिशनों में हिस्सा लिया है। जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत जैसे कठिन इलाकों में चेतक और चीता हेलिकॉप्टर उड़ाने में उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें एक सम्मानित अधिकारी बनाया। उन्होंने समुद्र तल से लेकर 18,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरी है, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।
The Indian Armed Forces are fully prepared to respond to Pakistani misadventures, if any, that will escalate the situation.
— Vyomika Singh (@VyomikaaSingh) May 10, 2025
Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/mZKWytKy1Q
प्रमुख उपलब्धियां:
1. उच्च जोखिम वाले मिशन:
- व्योमिका ने जम्मू-कश्मीर के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण मिशनों का नेतृत्व किया। उनकी सटीकता और निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें वायुसेना में एक भरोसेमंद पायलट बनाया।
2. बचाव अभियान:
- नवंबर 2020 में, व्योमिका ने अरुणाचल प्रदेश में एक कठिन बचाव अभियान का नेतृत्व किया। खराब मौसम और दुर्गम इलाकों के बावजूद, उन्होंने नागरिकों को सुरक्षित निकाला, जिसके लिए उन्हें वायुसेना प्रमुख और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से प्रशंसा मिली।
- पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान भी उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही। सिग्नल ऑफिसर-इन-चीफ ने उनके योगदान की सराहना की।
3. माउंट मनीरंग अभियान:
- 2021 में, व्योमिका ने तीनों सेनाओं की एक ऑल-विमेन माउंटेनियरिंग टीम के साथ हिमाचल प्रदेश के माउंट मनीरंग (21,650 फीट) पर चढ़ाई की। इस अभियान को आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के हिस्से के रूप में मान्यता मिली।
4. ऑपरेशन सिंदूर ब्रीफिंग:
- 7 मई 2025 को, व्योमिका ने नई दिल्ली में कर्नल सोफिया कुरैशी और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग का सह-नेतृत्व किया। उन्होंने अंग्रेजी में ऑपरेशन के उद्देश्यों और परिणामों को स्पष्ट किया, जबकि कर्नल सोफिया ने हिंदी में जानकारी दी। उनकी आत्मविश्वास भरी प्रस्तुति ने भारत की सैन्य ताकत और महिलाओं की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया।
- व्योमिका ने कहा, “भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। हमारी सेनाएं किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए तैयार हैं।”
5. स्थायी कमीशन की लड़ाई:
- व्योमिका उन महिला अधिकारियों में से थीं, जिन्होंने स्थायी कमीशन के लिए भारत सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। उनकी जीत ने 2019 में स्थायी कमीशन का मार्ग प्रशस्त किया, जिससे महिला अधिकारियों को पुरुष समकक्षों के समान अवसर और सेवानिवृत्ति लाभ मिले।
🚨BREAKING: "Pakistan has SUFFERED very HEAVY and unsustainable LOSSES" -Wing Commander Vyomika Singh
— Manobala Vijayabalan (@ManobalaV) May 10, 2025
Real REASON for Surrender🙇🏻 pic.twitter.com/9jOQz63Tsl
ऑपरेशन सिंदूर: एक ऐतिहासिक क्षण
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई, जिसमें 25 भारतीय और एक विदेशी पर्यटक शामिल थे। इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को सुबह 1:05 से 1:30 बजे के बीच ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
ऑपरेशन का विवरण:
- भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के कैंप शामिल थे।
- 24 मिसाइल हमलों में 70 आतंकवादी मारे गए और 60 घायल हुए। हमले मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलाकोट, चकस्वारी, भिंबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवा में किए गए।
#जय_हिंद_की_सेना
— श्रवण बिश्नोई (किसान) (@SharwanKumarBi7) May 10, 2025
The twins Saviour of Sindoor .
📍Meet Wing Commander Vyomika Singh
📍Colonel Sofiya Qureshi pic.twitter.com/RZlV7D7EVT
व्योमिका की भूमिका:
- प्रेस ब्रीफिंग में व्योमिका ने ऑपरेशन की तकनीकी और रणनीतिक जानकारी साझा की। उनकी स्पष्ट और आत्मविश्वास भरी प्रस्तुति ने भारत की सैन्य क्षमता को दुनिया के सामने रखा।
- उनकी उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि भारत का आतंकवाद के खिलाफ युद्ध केवल सैन्य शक्ति पर नहीं, बल्कि समावेशी नेतृत्व पर भी आधारित है।
Col. Sofiya Qureshi & Wg Cdr Vyomika Singh🇮🇳 -Two women in uniform leading a mission named after Sindoor ,a mark of strength, shakti & sacrifice .#operationsindoor #indian #pahalgam #women #womenempowerment #trend #explorepage✨ #fyp #IndiaPakistanWar #IndiaPakistanWar2025 pic.twitter.com/DHA2oEkivJ
— Digihube.in (@BalindraKushw10) May 9, 2025
महिलाओं के लिए प्रेरणा
विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है, खासकर युवा महिलाओं के लिए। उन्होंने पुरुष-प्रधान क्षेत्र में अपनी जगह बनाई और यह साबित किया कि योग्यता और समर्पण लिंग से परे हैं।
संदेश युवा महिलाओं के लिए:
- व्योमिका ने एक साक्षात्कार में कहा, “जब मैं छोटी थी, तो मुझे लगा कि पायलट बनना केवल पुरुषों के लिए है। लेकिन मैंने हार नहीं मानी। अगर आप सपना देखते हैं, तो उसे पूरा करने का रास्ता जरूर मिलता है।”
- उनकी उपलब्धियां, जैसे उच्च जोखिम वाले मिशन, बचाव अभियान और माउंट मनीरंग अभियान, युवा महिलाओं को सशस्त्र बलों में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

लिंग समानता का प्रतीक:
- ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग में व्योमिका और कर्नल सोफिया कुरैशी की उपस्थिति ने यह साबित किया कि भारत अपनी सैन्य रणनीति में लिंग समानता को बढ़ावा दे रहा है। उनकी भागीदारी ने दुनिया को दिखाया कि भारत की रक्षा में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
व्यक्तिगत जीवन
विंग कमांडर व्योमिका सिंह का निजी जीवन उतना ही प्रेरणादायक है जितना उनका पेशेवर जीवन। वे भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी से विवाहित हैं, जो उनके जीवन में समर्थन का एक मजबूत स्तंभ हैं। उनके माता-पिता, आरएस निम और करुणा सिंह, अपनी बेटी की उपलब्धियों पर गर्व करते हैं। उनके पिता ने एक साक्षात्कार में बताया कि व्योमिका ने बचपन में अपने पायलट बनने के सपने को गुप्त रखा था, क्योंकि उन्हें डर था कि उनकी मां उन्हें अनुमति नहीं देंगी।
व्योमिका का कहना है, “हेलिकॉप्टर पायलट होना आसान नहीं है। आपको बचाव अभियानों से लेकर कठिन मौसम और इलाकों में उड़ान भरने तक कई भूमिकाएं निभानी पड़ती हैं। लेकिन हर चुनौती मुझे और मजबूत बनाती है।”
विंग कमांडर व्योमिका सिंह द्वारा किया गया कार्य, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है।
Jai hind 🇮🇳
— Wc Vyomika Singh 🐦 (@WcVyomikaSing) May 10, 2025
"Pakistani army moving it's troops in forward areas any future act of terror will be considered an Act of War against India and will be responded accordingly.. pic.twitter.com/HKXz8RNPDQ
उनका व्यक्तिगत जीवन भी विंग कमांडर व्योमिका सिंह के समर्पण को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर का व्यापक प्रभाव
विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता के लिए संघर्ष आवश्यक है।
इस प्रकार, विंग कमांडर व्योमिका सिंह का जीवन एक प्रेरणा है।
ऑपरेशन सिंदूर ने निम्नलिखित संदेश दिए:
- आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस: भारत ने साफ कर दिया कि वह सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
- सैन्य संयम: हमलों में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया, जिससे भारत ने युद्ध को टालने की मंशा जाहिर की।
- महिला नेतृत्व: व्योमिका और कर्नल सोफिया की ब्रीफिंग ने दुनिया को दिखाया कि भारत की सैन्य रणनीति में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।.
Know our Heroine Wing Commander Vyomika Singh, IAF helicopter pilot, made history briefing on #OperationSindoor. Born in Lucknow, became 1st in family to serve in armed forces. #IndianAirForce #IndianNavy #IndiaPakWar #IndiaPakistanWar2025 #karachiport #SofiyaQureshi pic.twitter.com/Prgi0IbFat
— Shiv Chaudhary (@shivchaudhary0) May 9, 2025
विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की एक ऐसी नायिका हैं, जिन्होंने अपने साहस, नेतृत्व और समर्पण से देश का गौरव बढ़ाया है। ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में उनकी भूमिका ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी साबित किया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सपनों को सच करने के लिए केवल मेहनत, लगन और देश के प्रति प्रेम की जरूरत होती है।
आइए, हम सब मिलकर विंग कमांडर व्योमिका सिंह को सलाम करें और उनके जैसे नायकों से प्रेरणा लें। जय हिंद!
क्या आपको विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी प्रेरणादायक लगी? अपने विचार कमेंट में साझा करें!
उनकी उपलब्धियों ने भारत में समस्त महिलाओं के लिए एक मार्ग प्रशस्त किया है, विशेषकर विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसे अग्रणी व्यक्तित्वों के माध्यम से।
हम सभी को विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसे व्यक्तित्व से प्रेरणा लेनी चाहिए।
वास्तव में, विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।